ये है माता गंगा तथा गोमती के तट पर स्थित मार्कण्डेय धाम में पंडित प्रेम गिरी जी का साधना और विश्राम कक्ष।इस बार यहां मेरी एक पूजा थी।मैं सपरिवार था तो रुकना तो वाराणसी में हुआ लेकिन अपनी गाड़ी से हम प्रातः यहां पहुँच जाया करते थे।इस मंदिर से हमारा आत्मिक लगाव इतना अधिक है कि जब भी परिवार में कोई संकट आता है तो भोलेनाथ के दरबार में शरणागत हो जाते हैं।यहां रुद्राभिषेक तथा महामृत्युंजय अनुष्ठान का विशेष महत्व है।संतान प्राप्ति तथा संतान की उन्नति की कामना भी भगवान मार्कण्डेय जी से की जाती है।आप लोग भी कभी यहां आकर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें।