surya

21 जून का साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण बहुत शुभ नहीं है। ये ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण वलयकार होगा, जिसे अंग्रेजी में “रिंग ऑफ फायर” कहा जाता है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण से थोड़ा अलग होता है।
हमारे देश में दिखाई देने के कारण इस ग्रहण का सूतक माना जाएगा। 21 जून को पड़ने वाले इस ग्रहण का असर न केवल हमारे देश बल्कि भारत सहित पड़ोसी देशों में तीव्रता से दिखाई देने के साथ ही विश्व के अन्य देशों पर भी दिखाई देगा।
ये ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में मिथुन राशि पर होगा। यह ग्रहण लगभग 10 बजकर 32मिनट पर होगा, इसका मध्यकाल दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर होगा एवं इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर होगा। ग्रहण की पूरी अवधि लगभग साढ़े 3 घंटे की रहेगी। सूतक 20 जून को रात लगभग 10:10 से ही शुरू हो जाएगा ।सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए।ग्रहण के समय भगवान के नाम का जप करें।सूर्य के बीज मंत्र का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का कम से कम 3 बार पाठ करें।
सूतक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। ग्रंथों के अनुसार सूतक काल में मूर्ति स्पर्श वर्जित होता है। इस दौरान कोई शुभ काम शुरू करना अच्छा नहीं माना जाता। केवल स्नान , दान , मन्त्र जाप व भगवान के नाम का जप के लिए ग्रहण काल उपयुक्त होता है । ग्रहण काल में मन्त्र के जप का पुण्य अनंत गुना होता है ।

ग्रहण का फल

इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव
मेष, कन्या और मकर राशि वालों पर ग्रहण का प्रभाव शुभ रहेगा ।
जबकि वृष व मिथुन को स्वास्थ्य में कष्ट हो सकता है। कर्क, तुला, वृश्चिक व धनु राशि को धन हानि व कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को भी स्वास्थ्य के प्रति बहुत ही सावधान रहना होगा। शेष पर मध्यम मिश्रित असर रहेगा।
इसमें वृश्चिक व मिथुन राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा।
यह ग्रहण रविवार को होने से और भी प्रभावी हो गया है। इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं। विश्व के कई देश युद्ध की स्थिति में आ सकते हैं। यह ग्रहण बहुत ही अशुभ है। भारत व चीन के मध्य तथा पाकिस्तान से भी युद्ध जैसी स्थिति आ सकती है।
आर्थिक मंदी रहेगी।रोजगार घटेंगे।अपराध में वृद्धि हो सकती है।

उपाय—

इस सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान, दान और मंत्र जाप श्राद्ध करना विशेष फलदायी रहेगा। जिन राशि वाले व्यक्तियों के लिए यह कष्टप्रद है वे ग्रहण से सम्बंधित निर्देशों का पालन करें तथा ग्रहणकाल में अपने घर के किसी साफ व शांत स्थान में बैठकर रामरक्षा स्त्रोत , श्री विष्णुसहस्रनाम व महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें । आदित्य हृदय स्त्रोत का 3 बार पाठ करें । जितनी बार हो सके उतनी बार पाठ करें या संख्या का संकल्प लेकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र मन्त्र का जप करें ।
आर्थिक उन्नति के लिए सभी लोग श्री सूक्त का पाठ कर सकते हैं।इस समय जाँब का संकट रहेगा।ग्रहण काल में अपने राशि के स्वामीग्रह के बीज मंत्र का जप अवश्य करें। यदि आप मांगलिक हैं तो मंगल की पूजा करें।कुंडली के नवम व एकादश भाव के स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप करने से जाँब में प्रोन्नति होगी व नई जाँब मिल भी सकती है।
सुजीत जी महाराज

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