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आत्म आनंदित रहने में ही सुख
आत्म आनंदित रहने में ही सुख है।धन तथा पद स्थिर नहीं है।जो स्थिर है हम उसको तलाशते नहीं।हमारी तृष्णाएं कभी पीछा नहीं छोड़ती हैं।इसलिए जो है उसी में खुशियों को सहेजना...