अक्षय तृतीया को बेहद शुभ दिन माना जाता है। जानें इस दिन का महत्व और उपाय जो आपको धन लाभ दिला सकता है –
नई दिल्ली : वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को ही अक्षय तृतीया कहते हैं। इस बार अक्षय तृतीया का महापर्व 18 अप्रैल को है। इस दिन मांगलिक कार्य, मुंडन, शादी विवाह, बहू का प्रथम बार चौका छूना, दूकान की ओपनिंग व्यापार का प्रारंभ और सारे शुभ कार्य किए जाते हैं। 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया सुबह 04:47 बजे से प्रारम्भ होगी और रात्रि 03:03 मिनट तक इसका मुहूर्त रहेगा। खास बात ये है कि इस वर्ष पूरे 24 घंटे का आपको शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है जो कि बहुत ही सौभाग्य की बात है।
यह माह गर्मी का होता है और माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन दिया गया दान कभी नष्ट नहीं होता। उसका फल आपको इस जन्म के साथ साथ कई जन्मों तक मिलता रहता है। इस दिन लोगों को मीठा खिलाएं और शीतल जल पिलाएं। साथ ही गर्मी से बचने के लिए जरूरतमंदों को छाता, घट और पंखे का दान करें। मंदिरों में वॉटर कूलर लगवाएं और भंडारा करवाते हुए मिठाई खिलाइएं। इससे आपको बहुत पुण्य की प्राप्ति होगी जिसका कभी क्षय नहीं होगा।
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ज्योतिषाचार्य सुजीत महाराज कहते हैं कि अक्षय तृतीया को श्री विष्णु भगवान की पूजा माता लक्ष्मी के साथ साथ करना चाहिए। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ और श्री सूक्त का पाठ जीवन में धन, यश, पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति कराएगा। अक्षय तृतीया की पूजा के लिए भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित करें और पीला वस्त्र धारण कराके घी के 9 दीपक जलाकर पूजा प्रारम्भ करें। जो लोग बीमारियों से ग्रसित हैं उनको आज के दिन आरी राम रक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
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अक्षय तृतीया के दिन चांदी के सिक्के और स्वर्ण आभूषणों की खरीददारी करिए। नए वस्त्र धारण करिए और मंदिर में अन्न और फल का दान करिए। अस्पतालों में मीठा,जल और फल का वितरण करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने मित्रों को और विद्वानों को धार्मिक पुस्तक का दान करने से देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं। विद्यार्थियों को इस दिन कठिन परिश्रम का प्रतिज्ञा करना चाहिए। छात्रों को दृढ़ संकल्पित होकर आज ईश्वर के सामने यह संकल्प लेना चाहिए कि हम आज से कठिन परिश्रम करेंगे और माता पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ साथ गुरु का भी आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए क्योंकि माता, पिता और गुरु का आशीर्वाद आज के दिन अनंत गुना फलदायी होता है।
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इस दिन श्री रामचरितमानस के अरण्य काण्ड का पाठ करना चाहिए। इस काण्ड में भगवान राम ऋषियों और महान संतों को दर्शन देते हैं और उनके जन्म जन्मान्तर के पुण्य का फल प्रदान करते हैं। इस काण्ड का पाठ करने से भगवान श्री राम की भक्ति प्राप्त होती है। अक्षय तृतीया आपके लिए वह सुअवसर है जिससे आपके जीवन की दिशा और दशा ही तय हो जायेगी। इस दिन संकल्प लें कि हम कर्म की पराकाष्ठा और अपने जीवन में अच्छे कर्मों का समावेश करेंगे।